केरल के बैकवाटर और ओणम उत्सव: यात्रा और आनंद का मेल

यशपाल प्रेमचंद

केरल को “भगवान का खुद का देश” के रूप में पेश किया जाता है जिसकी प्राकृतिक सुंदरता की व्याख्या करे, विशेष रूप से उसकी पश्चिम तटीय जलयात्रा और जीवंत ओणम महोत्सव की।

यह साथ में प्रदेश में बसने और संप्रदायवाद से परिपूर्ण माहौल में होने की एक अनूठी और उपयोगी यात्रा प्रदान करता है।

केरल के पश्चिम तटीय जलतट पिछले वश में केरल पर्यटन का स्वभावी केंद्र रहा है। यहां घने वन, सफेद समुद्र तट, खाड़ीवार कन्याकुमारी सर्वोत्तम और ब्यूटिफ़ुल बैकवाटर के साथ आपको चारों ओर से प्राकृतिक सौंदर्य मिलता है।

वर्षाऋतू में होने वाले ओणम महोत्सव एकजुट दिमाग़ और दिल और चारों ओर रंगी ख़ुश्याओं से भरा होता है। इस महोत्सव में रंगबिरंगा देखा जाता है, खुशियां मनाई जाती हैं, रसातली मेलों और परंपरागत नृत्यों का दीन-दुख अपनाए जाता है।

इसलिए, केरल की विशेषता यहां के जलयात्रा और ओणम महोत्सव में साथ आती है, जो पर्यटकों के लिए एक अनूठी और संप्रदायवाद से भरी अनुभव प्रदान करती है।

आपको केरल के समृद्ध नृत्य, मस्ती और मजेदार रंग भरे त्योहार का आनंद लेने का एक मौका मिलेगा। यहां आकर तो आनंद और आत्मीयता की वातावरण को देखते हुए आप अपने जीवन की यात्रा का एक अद्वितीय पल अनुभव करेंगे।

केरल के बैकवाटर की सुंदरता

केरल के बैकवाटर, एक जुड़े हुए नाले, नदियां और झीलों का जाल है, जिसकी सुंदरता सबको मोह लेती है। इन बैकवाटर्स में पेड़ों से घिरी हरी-भरी भूमि, अस्तित्व का आभास कराती है।

इन बैकवॉटर्स में घूमने का आह्वान करता है। यहां की खूबसूरत प्राकृतिक दृश्य, हरियाली से भरी लंबी खेतों की दृश्य, और शांतिपूर्णता, केरल को एक अद्वितीय स्थान बनाती है।

यहां के लोकप्रिय बैकवॉटर गोल्फ गार्डन में अलप्पूजा, कुमाराकोम, और कोल्लम शामिल हैं। अलप्पूजा के बैकवॉटर झील सबसे लोकप्रिय है, यहां बोट यात्राएं करवाती हैं और यात्रियों को हरण कर देती हैं।

कुमाराकोम बैकवॉटर टूरिज्म का एक आदान-प्रदान केंद्र है, यहां पर्यटकों को रास्ता बदलते हुए नदियों पर नौकायन का आनंद लेते हुए शांति में बिताने का भी मौका मिलता है। कोल्लम बैकवॉटर्स प्राकृतिक नैट फर्म से बने हुए हैं, यहां वन जीवन का भी खास आनंद लिया जा सकता है।

केरल के बैकवॉटर्स एक अद्वितीय प्राकृतिक सोने की सुंदर कहानी हैं, इसे अपने आप देखना पड़ेगा। यह सुंदरता आपको मस्ती के मौकों पर ले जाएगी और आपके मन को चैन देगी।

हाउसबोट का अनुभव

हर मॉनसून के बाद, केरल के खूबसूरत बैकवॉटर्स सज जाते हैं। यहां ठहरना हाउसबोट पर हर यात्री का सपना होता है।

हाउसबोट्स अपने आप में एक अनूठा अनुभव प्रदान करते हैं, जहां आप वास्तव में प्रकृति के आदिवासी बन जाते हैं।

हाउसबोट्स में खर्च हुए रोशनी, वेदना, सुख और शांति से ढले होते हैं। वे सुंदर स्थानों पर डॉक करते हैं जहां आप डायनिंग और राॅमांस का मजा ले सकते हैं।

इन हाउसबोट्स में आपको वस्त्र, खान-पान और मनोहारी दृश्य की कमी कभी नहीं होती है। एक यात्री अलग-अलग आवाराओं और केमिकल्स के साथ आरामदायक और अनूठा हाउसबोट चुन सकता है।

यह अनोखा अनुभव हर व्यक्ति की इच्छा को पूर्ण करने के अलावा, केरल की प्राकृतिक सुंदरता का नजारा देखने का भी एक रास्ता है।

हाउसबोट यात्रियों को समुद्र और झीलों के मध्य घुमाते हैं, जहां वे प्रकृति के सुंदरता से परिचित होते हैं। अधिकांश हाउसबोट्स लक्जरी और सुविधाजनक होते हैं, जिससे यात्री संपूर्ण मानसिक और शारीरिक आराम का आनंद ले सकते हैं।

हाउसबोट यात्रा आपको एक अद्वितीय और अनोखा अनुभव प्रदान करती है, जहां आप केवल अपनी ही अधिकारिता में प्राकृतिक सुंदरता का आनंद ले सकते हैं।

बैकवाटर में स्थानीय जीवन

बैकवाटर यात्राएं के जरिए हम केरल की स्थानीय जीवन और संस्कृति के बारे में अद्यतन जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

ये यात्राएं हमें परंपरागत गांवों, स्थानीय भोजन और लोगों की दैनिक गतिविधियों के बारे में विस्त्रित ज्ञान प्राप्त करने का मौका देती हैं।

यहां पर्यटक लोगों के उन लोगों से मिलने और उनके साथ रह कर उनके जीवन शैली को समझने का अद्वितीय मौका प्राप्त करते हैं।

बैकवाटर क्षेत्र में चरम शांति, हरा-भरा मनोहारी नजारे और आदिवासी मकानों का प्रतीक प्रदर्शन होता है। यहां की जनता और उनकी प्रिय वार्ता गांव में मंचित होती हैं।

आप यहां खास ठिकानों पर लोगों के लिए भोजन बनाने और सेवा करने का अवसर पा सकते हैं। यह यात्रा आपको स्थानीय माछी पकड़ने का मौका भी देती है जो आपके प्रयासों को मनोहारी बना सकते हैं।

यात्रा के दौरान आप कई लोगों से मिलते हैं और देखते हैं कि वे अपनी किसानी करने और अपनी मशीनो की देखभाल करने के लिए कैसे उठते हैं।

इसके अलावा, आप दौड़ते हुए बच्चों, खेतों में काम करने वाले मजदूरों, वृद्ध लोगों और स्कूली बच्चों को भी देख सकते हैं। यह यात्रा आपको वास्तविक भारतीय ग्रामीण जीवन का एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करती है।

कयाकिंग और बैकवाटर पर्यटन

कयाकिंग और बैकवाटर पर्यटन के रोमांच भरे सफर में आपका स्वागत है। यहां पर्यटकों के लिए विभिन्न कार्यक्रम उपलब्ध हैं जैसे कि कयाकिंग, कैनूइंग और मार्गदर्शित बैकवाटर टूर।

यहां विश्रामपूर्ण नदीयों में छलांग लगाते हुए और छोटी-छोटी नालियों की खोज करने में रोमांच है। नैरोवि में कयाकिंग करते समय आप रंग-बिरंगे पक्षियों को देख सकते हैं और उन्हें फोटोग्राफ कर सकते हैं। बैकवाटर टूर में आप सुंदर प्राकृतिक द्रश्यों को देख सकते हैं और आत्मरंजन के साथ समय बिता सकते हैं।

सुर्खियों के अनुसार, अगर आप कयाकिंग करने जा रहे हैं तो आपको यह ध्यान देना चाहिए कि आपने सही किसी प्रशिक्षित संपर्क के साथियों को लिया है और सुरक्षित पर्यटन के लिए उपयुक्त सामग्री साथ लेकर गए हैं।

सुरम्य जल पीकने के लिए इसके सबसे अच्छे मौसम के दिन हैं सुबह और शाम। तो यदि आपको प्रियंका त्रिपाठी की यात्रा पसंद होती है, तो यहां आइए और कयाकिंग और बैकवाटर टूर का आनंद लीजिए।

ओणम उत्सव की महिमा

केरल का सबसे बड़ा और रंगीन उत्सव ओणम है। यह उत्सव पूरे केरल में विशेष मायने रखता है। इसका महत्त्व इतिहास, राजा महाबली की कथा और संस्कृति के प्रमुख तत्वों के मिलन से है।

इस उत्सव का इतिहास बहुत प्राचीन है और इसे एक दिवसीय उत्सव माना जाता है। कहते हैं कि राजा महाबली के शासनकाल में यह उत्सव बहुत धूमधाम से मनाया जाता था।

यह उत्सव केरल की सभी सामाजिक वर्गों को एकजुट करता है और मित्रता, एकता और प्रेम का संदेश देता है।

ओणम का एक और महत्त्वपूर्ण तत्व पूजा, गीत गाना, नृत्य और परम्परागत वस्त्रों की पहनावट है। इसका लोकप्रिय खाना ‘साद्या’ है, जो धान्य, सब्जियां, फल और पापड़ से मिलाकर बनाया जाता है।

ओणम उत्सव के माध्यम से केरल की धरोहर और सांस्कृतिक विरासत को मान्यता मिलती है। यह उत्सव एकता, सहयोग और प्रेम के संदेश को देता है और लोगों को मनोरंजन और आनंद का अनुभव कराता है।

ओणम उत्सव की महिमा दर्शाता है कि एक सपना साकार हो सकता है, और एकता में विकास और प्रगति की संभावना है।

ओणम के प्रमुख आकर्षण

ओणम एक प्रमुख हिन्दू त्योहार है जो केरल में मनाया जाता है। यह त्योहार आदिप्रम मास के मध्य आदित्य और पुत्र वामान भगवान की जीत का जश्न मनाने के लिए मनाया जाता है।

ओणम त्योहार का प्रमुख आकर्षण है ओणम साध्या, जिसमें कई प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजन सर्व क्रम में बनाए जाते हैं। यह भोजन उत्सव विशेष रूप से ओणम के पहले दिन किया जाता है।

इसके अलावा ओणम में प्रमुख रंगमंच भी होते हैं। कथकली एक ऐतिहासिक और प्रसिद्ध नृत्य है जिसमें कलाकार मुख प्रयोग करके विभिन्न पात्रों को दर्शाते हैं।

इसके अलावा, ओणम में तिरुवाथिरा नृत्य भी होता है जिसमें स्त्रियां भारतीय और पारम्परिक नृत्य करती हैं।

ओणम त्योहार में पूड़कलम और वल्लमकक्ष में भी बहुत गहरी संप्रदायिकता होती है। पूड़कलम एक फूलों की रंगोली है जिसे गंगस्नान की संकेत पर बनाया जाता है।

वल्लमकक्ष विशेष नौका दौड़ है जिसमें विभिन्न ग्रामीण पुरोहित दल विभिन्न नौकायन बनाते हैं।

ओणम त्योहार में यह सभी कार्यक्रम और आकर्षणों के साथ एक मधुर और आनंदमय माहौल होता है। इसे पूरी धूमधाम से मनाना हमारी भारतीय संस्कृति और उत्साह को दर्शाता है।

ओणम के दौरान यात्रा की योजना

ओणम त्योहार के दौरान केरल यात्रा की योजना बनाने के लिए कुछ सरल टिप्स प्रदान करते हैं। सबसे पहले मुख्य प्रश्न होता है कि सबसे अच्छा समय कब है यहां जाने का।

ओणम त्योहार अगस्त या सितंबर महीने में मनाया जाता है, इसलिए इन महीनों में यात्रा करना शुभ माना जाता है। होटल और आवास के लिए बुकिंग प्रक्रिया आसान है।

आप इंटरनेट पर वेबसाइटों और ऐप्स का उपयोग करके आसानी से आवास बुक कर सकते हैं।

ओणम त्योहार के दौरान इसके ग्रामीण स्वरूप का आनंद लेने के लिए बैकवाटर टूर करने का सुझाव दिया जाता है। यहां आप मछली पकड़ने, पंगा मारने, और यात्रियों के लिए अनन्य किन्तु पूर्ण यात्रा आयोजित करने के अवसर आपको मिलते हैं।

इसके अलावा, ओणम मेले का दौरा करके बाजार के आनंद लेने के लिए भी यहां जाएं। ओणम डांस और संगीत का आनंद लें, और छतरी के नीचे पाठशाला को देखें। इन सभी आयोजनों में भाग लें और केरल की संस्कृति को खुद को सुन्दर और प्रकृतिशील देश के रूप में देखें।

केरल यात्रा की योजना बनाते समय यह सुनिश्चित करें कि आप ओणम त्योहार का आनंद लेने के लिए इसे ध्यान से पहले और बाद में करें। ऐसा करके आप एक पूर्ण और यादगार अनुभव प्राप्त करेंगे।

स्थानीय खानपान और व्यंजन

केरल के परंपरागत भोजन की चर्चा करते हैं, विशेष रूप से ओणम के दौरान तैयार किए जाने वाले खास व्यंजनों के बारे में।

ओणम सध्या को उच्च श्रेणी का शाकाहारी भोजन कहा जाता है जो केले के पत्ते पर परोसा जाता है। आवियल, सांभर, पायसम और अन्य क्षेत्रीय विशेषताएं जैसे लोकप्रिय व्यंजनों को उच्चतम महत्व दिया गया है। आवियल एक मिश्रित सब्जी है जिसमें विभिन्न सब्जियाँ मिलाकर बनाई जाती है।

सांभर का स्वादिष्ट स्वाद और विभिन्न मिश्रण की स्वादिष्टता इसे बनाने वालों की पहचान बना रखती है। पायसम एक मिठाई है जो दूध, चावल, और चीनी के साथ बनाई जाती है, यह खाने में स्वादिष्टता बढ़ाती है।

केरल की प्रमुख विशेषताएं और भोजन अन्य राष्ट्रीय खाद्यों की तुलना में इसे और अद्वितीय बनाती हैं।

सांस्कृतिक अनुभव और खरीदारी

अपनी यात्रा के दौरान, पर्यटक सांस्कृतिक अनुभवों का आनंद ले सकते हैं, जैसे पारंपरिक कला और संगीत. केरल का संस्कृतिक विरासत हमारे इंद्रीय रौंग में खोज करेगा।

यहां पर्यटक त्रयंदधयी और पंचदधी नृत्य आदि संगीत और नृत्य का आनंद लेंगे। अगर आप अपने खुद के ओर निर्मित गीत संगीत के प्रेमी हैं, तो गीत ग्रुह Jayalakshmi Vilasam आपके लिए एक अविस्मरणीय अनुभव होगा।

यहां लोकल क्राफ्ट, मसालों और सौवेनियर्स खरीदने के लिए कुछ सौंदर्यपूर्ण स्थान भी हैं। त्रिवेंद्रम में, अटचेदुकुट्ट, छात्र, वपी इत्यादि टिकट को खरीदने के लिए एक प्रामाणिक मॉल है।

आप यहां स्पाइस्सबोटि और वइक, त्रिवेंद्रम में खोरुन्ग मार्केट और कोचि के ब्रॉडवे बाजार जैसे स्थानों पर भी जा सकते हैं।

यहां बिना किसी शंका के उच्च गुणवत्ता वाले प्रोडक्ट खरीदने का अवसर है और आपको केरल की धरोहर का एक टुकड़ा लाएगा।

इन संयुक्त प्रयासों के परिणामस्वरुप, केरल भ्रमण पर्यटन विज्ञेयं माना जाता है केरल की संस्कृतिप्रधानता को बढ़ाते हुए।

खरीददारी के दौरान और कला और संस्कृति का आनंद लेने के लिए नियमित रूप से यहां यात्रा करें और एक अद्वितीय और यादगार सांस्कृतिक अनुभव को खुद करें।

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