खजुराहो के मंदिर: भारतीय कला और संस्कृति का अद्भुत नमूना

यशपाल प्रेमचंद

भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर में खजुराहो के मंदिर एक विशेष स्थान रखते हैं। मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित यह मंदिर समूह भारतीय वास्तुकला और मूर्तिकला का अद्वितीय उदाहरण है।

खजुराहो के मंदिर न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं। इन्हें यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल का दर्जा प्राप्त है।

आइए, इस ब्लॉग में हम खजुराहो के मंदिरों की अद्भुत कला, संस्कृति, और इतिहास के बारे में विस्तार से जानें।

खजुराहो के मंदिरों का इतिहास

खजुराहो के मंदिरों का निर्माण चंदेल वंश के राजाओं ने 950 से 1050 ईस्वी के बीच करवाया था। यह मंदिर समूह चंदेल वंश की कला और संस्कृति का प्रतीक है।

खजुराहो नामक यह स्थान पहले एक छोटा सा गाँव था, जो अब विश्व धरोहर स्थल के रूप में जाना जाता है।

चंदेल वंश के राजाओं ने इन मंदिरों का निर्माण धार्मिक और सांस्कृतिक उद्देश्यों के लिए किया था। इन मंदिरों की वास्तुकला और मूर्तिकला अद्वितीय है और इसमें तत्कालीन समाज की संस्कृति, कला, और धार्मिकता का अद्भुत मिश्रण देखा जा सकता है।

खजुराहो के मंदिरों की विशेषताएं

खजुराहो के मंदिर अपनी अनूठी वास्तुकला और मूर्तिकला के लिए प्रसिद्ध हैं। यहाँ कुल 85 मंदिरों का निर्माण किया गया था, जिनमें से आज लगभग 25 मंदिर ही बचे हैं।

इन मंदिरों को तीन समूहों में बांटा गया है: पश्चिमी समूह, पूर्वी समूह, और दक्षिणी समूह। प्रत्येक समूह में विभिन्न प्रकार के मंदिर शामिल हैं, जिनकी अपनी-अपनी विशेषताएं हैं।

वास्तुकला का अद्भुत नमूना

खजुराहो के मंदिरों की वास्तुकला अद्वितीय और मनमोहक है। ये मंदिर नागर शैली में निर्मित हैं, जिसमें मंदिर की संरचना ऊँची और शिखरदार होती है। मंदिर के शिखर को ‘विमान’ कहते हैं, जो भगवान के निवास का प्रतीक है।

मंदिर की बाहरी दीवारों पर अद्भुत मूर्तिकला का काम किया गया है, जो तत्कालीन समाज की जीवनशैली, धार्मिकता, और सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाता है।

मूर्तिकला का उत्कृष्ट उदाहरण

खजुराहो के मंदिरों की मूर्तिकला अद्वितीय और बेजोड़ है। यहाँ की मूर्तियों में धार्मिक, सांस्कृतिक, और सामाजिक जीवन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाया गया है।

इनमें देवी-देवताओं की मूर्तियाँ, नर्तकियों की मुद्राएँ, संगीतकारों की प्रतिमाएँ, और दैनिक जीवन की गतिविधियों को दिखाया गया है। ये मूर्तियाँ इतनी जीवंत और सजीव हैं कि इन्हें देखकर तत्कालीन समाज की झलक मिलती है।

प्रमुख मंदिर

खजुराहो के मंदिरों में कुछ प्रमुख मंदिर हैं जो विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं। आइए, इन प्रमुख मंदिरों के बारे में विस्तार से जानें।

कंदारिया महादेव मंदिर

कंदारिया महादेव मंदिर खजुराहो के सबसे बड़े और भव्य मंदिरों में से एक है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इसकी वास्तुकला और मूर्तिकला अद्भुत है।

मंदिर की दीवारों पर हजारों मूर्तियाँ उकेरी गई हैं, जो धार्मिक और सांस्कृतिक दृश्य प्रस्तुत करती हैं। मंदिर के शिखर पर सुंदर कलश स्थापित है, जो इसकी शोभा को और बढ़ाता है।

लक्ष्मण मंदिर

लक्ष्मण मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है और यह खजुराहो के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। इस मंदिर की मूर्तिकला और वास्तुकला अत्यंत मनमोहक है।

मंदिर की दीवारों पर विष्णु अवतार, देवी-देवताओं, और नर्तकियों की सुंदर मूर्तियाँ उकेरी गई हैं। यह मंदिर अपने भव्यता और कला के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है।

चित्रगुप्त मंदिर

चित्रगुप्त मंदिर सूर्य देवता को समर्पित है और यह खजुराहो के अनूठे मंदिरों में से एक है। इस मंदिर की विशेषता यह है कि यहाँ सूर्य देवता की मूर्ति एक रथ में स्थापित है, जिसे सात घोड़े खींच रहे हैं।

मंदिर की दीवारों पर विभिन्न देवी-देवताओं और नृत्य करती हुई नर्तकियों की मूर्तियाँ उकेरी गई हैं।

धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व

खजुराहो के मंदिरों का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व अत्यंत गहरा है। यह मंदिर न केवल धार्मिक स्थल हैं बल्कि कला और संस्कृति के अद्वितीय नमूने भी हैं।

यहाँ के मंदिरों में धार्मिक अनुष्ठान और पूजा-अर्चना होती है, जो भक्तों के लिए आध्यात्मिक शांति और संतोष का स्रोत है।

सांस्कृतिक धरोहर

खजुराहो के मंदिर भारतीय संस्कृति और कला की धरोहर हैं। यहाँ की मूर्तिकला और वास्तुकला में तत्कालीन समाज की जीवनशैली, धार्मिकता, और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को दर्शाया गया है।

यह मंदिर भारतीय इतिहास और संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और इन्हें संरक्षित करना हमारी जिम्मेदारी है।

पर्यटकों के लिए आकर्षण

खजुराहो के मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि यह पर्यटकों के लिए भी विशेष आकर्षण का केंद्र हैं। यहाँ हर साल हजारों की संख्या में देश-विदेश से पर्यटक आते हैं और इन अद्वितीय मंदिरों की सुंदरता और भव्यता का अनुभव करते हैं।

खजुराहो में पर्यटकों के लिए कई अन्य आकर्षण भी हैं, जैसे कि साउंड एंड लाइट शो, खजुराहो डांस फेस्टिवल, और स्थानीय बाजार।

साउंड एंड लाइट शो

खजुराहो के मंदिरों में शाम के समय साउंड एंड लाइट शो का आयोजन होता है, जिसमें मंदिरों की इतिहास, कला, और संस्कृति को प्रस्तुत किया जाता है।

यह शो पर्यटकों को मंदिरों की अद्भुत यात्रा पर ले जाता है और उन्हें खजुराहो के गौरवशाली इतिहास से परिचित कराता है।

खजुराहो डांस फेस्टिवल

हर साल खजुराहो में खजुराहो डांस फेस्टिवल का आयोजन होता है, जिसमें विभिन्न भारतीय शास्त्रीय नृत्य शैलियों का प्रदर्शन किया जाता है।

इस फेस्टिवल में देश-विदेश के प्रसिद्ध नर्तक और नर्तकियाँ भाग लेते हैं और अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं। यह फेस्टिवल खजुराहो के सांस्कृतिक महत्व को और बढ़ाता है।

खजुराहो के मंदिर भारतीय कला और संस्कृति का अद्भुत नमूना हैं। इन मंदिरों की अद्वितीय वास्तुकला और मूर्तिकला भारतीय संस्कृति की समृद्ध धरोहर को दर्शाती है।

खजुराहो के मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि यह पर्यटकों के लिए भी विशेष आकर्षण का केंद्र हैं।

अगर आप भारतीय कला, संस्कृति, और इतिहास में रुचि रखते हैं, तो खजुराहो के मंदिरों की यात्रा अवश्य करें और इन अद्वितीय मंदिरों की भव्यता और सुंदरता का अनुभव करें।

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