निबंध: धरती हमारी नहीं हम धरती के हैं पर निबंध

यशपाल प्रेमचंद

धरती, वास्तव में हमारे अस्तित्व का आधार है। हम इसे अपनी संपत्ति मानकर इसके संसाधनों का उपयोग करते हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि हम धरती के हैं, धरती हमारी नहीं। धरती पर जीवन का उदय और विकास हमसे पहले हुआ था और हम इसके सहअस्तित्व का एक हिस्सा मात्र हैं। इस निबंध में हम इस विचार पर चर्चा करेंगे कि धरती हमारी नहीं, बल्कि हम धरती के हैं और हमें इसके संरक्षण और संतुलन के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझना होगा।

धरती पर जीवन का उद्भव अरबों वर्ष पहले हुआ था। तब से लेकर अब तक, धरती ने विभिन्न प्रकार के जीव-जंतुओं और पौधों का पालन-पोषण किया है। मनुष्य इस जैविक विविधता का एक छोटा हिस्सा है, लेकिन हमने अपने बुद्धिमत्ता और विकास के कारण धरती पर प्रभुत्व स्थापित कर लिया है। हमें यह समझना होगा कि धरती के संसाधन सीमित हैं और उनका अत्यधिक दोहन हमारे अस्तित्व के लिए खतरा बन सकता है।

धरती का पर्यावरण संतुलन बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है। हम धरती के संसाधनों का उपयोग करते हैं, लेकिन हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम उनका दुरुपयोग न करें। प्रदूषण, वनों की कटाई, और जलवायु परिवर्तन जैसी समस्याएँ मानव गतिविधियों का परिणाम हैं, जिनसे धरती का पर्यावरण संतुलन बिगड़ रहा है। हमें यह समझना होगा कि धरती का संरक्षण हमारे लिए ही आवश्यक है, क्योंकि हमारा अस्तित्व और भविष्य इसी पर निर्भर है।

हमारी पारिस्थितिकी तंत्र का संरक्षण हमारे लिए अनिवार्य है। वनों की कटाई से वन्यजीवों का आवास समाप्त हो रहा है, जिससे जैव विविधता को खतरा है। वन न केवल वन्यजीवों का घर हैं, बल्कि वे हमारे लिए ऑक्सीजन का स्रोत भी हैं और जलवायु संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हमें वनों की कटाई रोकने और वृक्षारोपण को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है, ताकि हम अपने पर्यावरण को संरक्षित कर सकें।

पानी, जो हमारे जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, भी सीमित संसाधन है। जल संकट एक गंभीर समस्या बनती जा रही है और हमें इसके संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। जल संसाधनों का सतत उपयोग और उनका उचित प्रबंधन अत्यंत आवश्यक है। हमें जल संरक्षण की तकनीकों को अपनाना चाहिए और जल की बर्बादी को रोकने के लिए जागरूकता फैलानी चाहिए।

धरती के संसाधनों का अत्यधिक दोहन और उनका अनुचित उपयोग हमारे लिए हानिकारक हो सकता है। हमें सतत विकास के सिद्धांतों का पालन करना होगा, ताकि हम अपनी आवश्यकताओं को पूरा करते हुए धरती के संसाधनों को भी संरक्षित कर सकें। नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग, पुनर्चक्रण, और पर्यावरण मित्र उत्पादों का उपयोग ऐसे कदम हैं, जो हमें धरती के संसाधनों का सतत उपयोग करने में मदद कर सकते हैं।

धरती के संरक्षण के लिए जन जागरूकता अत्यंत महत्वपूर्ण है। हमें लोगों को यह समझाना होगा कि धरती का संरक्षण उनके अपने हित में है। शिक्षा और जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से हम लोगों को पर्यावरण संरक्षण की महत्वपूर्णता के बारे में जानकारी दे सकते हैं। स्कूलों, कॉलेजों, और समाज के विभिन्न संगठनों के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाना आवश्यक है।

धरती का संरक्षण केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि इसमें हर नागरिक का योगदान महत्वपूर्ण है। हमें अपने दैनिक जीवन में छोटे-छोटे कदम उठाने होंगे, जैसे बिजली की बचत, पानी की बचत, और कचरे का पुनर्चक्रण। इसके अलावा, हमें अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को समझना होगा और पर्यावरण संरक्षण के लिए सामूहिक प्रयास करने होंगे।

धरती का संरक्षण हमारे भविष्य के लिए आवश्यक है। हमें यह समझना होगा कि हम धरती के हैं और धरती हमारी नहीं। हमें इसके संसाधनों का सतत उपयोग करना होगा और पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। हमारा अस्तित्व और भविष्य धरती के संरक्षण पर निर्भर है और हमें इसे सुरक्षित रखने के लिए हर संभव प्रयास करना होगा।

धरती के संरक्षण के लिए हमें अपने दृष्टिकोण में परिवर्तन लाना होगा। हमें यह समझना होगा कि धरती हमारे लिए केवल एक संसाधन नहीं है, बल्कि यह हमारे अस्तित्व का आधार है। हमें इसके प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझना होगा और इसके संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। धरती का संरक्षण न केवल हमारे लिए बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी आवश्यक है। हमें अपनी धरती को सुरक्षित और स्वस्थ रखना होगा, ताकि हम अपने भविष्य को सुरक्षित कर सकें।

धरती हमारी नहीं, बल्कि हम धरती के हैं। हमें इसके संरक्षण और संतुलन के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझना होगा। धरती का संरक्षण हमारे अस्तित्व और भविष्य के लिए आवश्यक है। हमें सतत विकास के सिद्धांतों का पालन करना होगा और पर्यावरण संरक्षण के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। हमें यह समझना होगा कि धरती का संरक्षण न केवल हमारे लिए बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी आवश्यक है। हमें अपनी धरती को सुरक्षित और स्वस्थ रखना होगा, ताकि हम अपने भविष्य को सुरक्षित कर सकें।

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