निबंध: १५ आगस्त स्वतंत्रता दिवस पर निबंध

यशपाल प्रेमचंद

१५ अगस्त, भारत के इतिहास का एक स्वर्णिम दिन है, जिसे हम स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते हैं। यह वह दिन है जब भारत ने ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त की और एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में अपने नए सफर की शुरुआत की। १५ अगस्त 1947 को भारत ने औपचारिक रूप से ब्रिटिश उपनिवेश से आजादी पाई और पंडित जवाहरलाल नेहरू ने लाल किले की प्राचीर से राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इस दिन का महत्व हर भारतीय के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह हमें हमारे स्वतंत्रता संग्राम और उन असंख्य बलिदानों की याद दिलाता है जो हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने दिए थे।

स्वतंत्रता दिवस का महत्व केवल एक ऐतिहासिक घटना तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारे राष्ट्रीय गर्व, एकता और अखंडता का प्रतीक भी है। यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए हमारे पूर्वजों ने कितनी कठिनाइयों और संघर्षों का सामना किया। महात्मा गांधी, भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस, सरदार वल्लभभाई पटेल, जवाहरलाल नेहरू और अन्य अनेक महान नेताओं ने अपनी जान की बाजी लगाकर हमें आजादी दिलाई।

हर साल १५ अगस्त को भारत के हर कोने में बड़े हर्षोल्लास और देशभक्ति के साथ मनाया जाता है। इस दिन सरकारी और निजी संस्थानों, स्कूलों, कॉलेजों और विभिन्न संगठनों में राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है। लाल किले पर प्रधानमंत्री द्वारा ध्वजारोहण और राष्ट्र के नाम संबोधन इस दिन के प्रमुख आकर्षण होते हैं। यह कार्यक्रम न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी भारतीय दूतावासों में मनाया जाता है, जिससे प्रवासी भारतीयों को भी अपने देश के साथ जुड़ने का अवसर मिलता है।

स्वतंत्रता दिवस का उत्सव केवल ध्वजारोहण तक सीमित नहीं रहता। इस दिन विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों, परेड, देशभक्ति के गीतों और नृत्यों का आयोजन किया जाता है। स्कूलों और कॉलेजों में विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन होता है, जिनमें बच्चे बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। इस दिन की विशेषता यह है कि यह न केवल हमारे इतिहास की महान घटनाओं को याद करता है, बल्कि हमें अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों का भी अहसास कराता है।

स्वतंत्रता दिवस के दिन हम उन वीर सैनिकों और स्वतंत्रता सेनानियों को भी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर हमें स्वतंत्रता दिलाई। शहीद स्मारकों पर जाकर उनकी मूर्तियों पर फूल माला चढ़ाई जाती है और उन्हें याद किया जाता है। यह दिन हमें यह भी प्रेरणा देता है कि हम अपने देश की रक्षा के लिए हमेशा तैयार रहें और अपनी स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए सतत प्रयास करें।

स्वतंत्रता दिवस का महत्व आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना कि 1947 में था। यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि स्वतंत्रता कोई स्थायी स्थिति नहीं है, बल्कि यह निरंतर प्रयासों और बलिदानों से बनाए रखी जाती है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम अपने देश के विकास, एकता और अखंडता के लिए हमेशा तैयार रहें। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि हम अपने देश को एक बेहतर और मजबूत राष्ट्र बनाने के लिए अपने कर्तव्यों का निर्वाह पूरी निष्ठा और ईमानदारी से करेंगे।

स्वतंत्रता दिवस का एक और महत्वपूर्ण पहलू है, देश की प्रगति और उपलब्धियों का मूल्यांकन करना। यह दिन हमें यह सोचने का अवसर देता है कि हमने अपनी स्वतंत्रता के बाद से अब तक क्या-क्या हासिल किया है और हमें अभी और क्या-क्या करने की आवश्यकता है। हमें अपने देश की विकास यात्रा को निरंतर आगे बढ़ाने के लिए नए-नए विचारों और नीतियों पर विचार करना चाहिए और उन्हें कार्यान्वित करना चाहिए।

इस दिन की विशेषता यह भी है कि यह हमें अपने समाज में व्याप्त समस्याओं के प्रति जागरूक करता है। गरीबी, अशिक्षा, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और अन्य सामाजिक बुराइयों को समाप्त करने के लिए हमें मिलकर प्रयास करना होगा। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि हम अपने समाज को इन बुराइयों से मुक्त करेंगे और एक समृद्ध और प्रगतिशील राष्ट्र का निर्माण करेंगे।

१५ अगस्त हमारा राष्ट्रीय पर्व है, जो हमें हमारे महान स्वतंत्रता संग्राम की याद दिलाता है और हमें अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों का बोध कराता है। यह दिन हमें प्रेरित करता है कि हम अपने देश की प्रगति और समृद्धि के लिए सतत प्रयास करते रहें। हमें यह याद रखना चाहिए कि स्वतंत्रता केवल एक दिन का उत्सव नहीं है, बल्कि यह एक निरंतर प्रक्रिया है जिसे हमें अपने प्रयासों से बनाए रखना है। स्वतंत्रता दिवस के इस पावन अवसर पर हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि हम अपने देश को एक बेहतर और मजबूत राष्ट्र बनाने के लिए अपने कर्तव्यों का निर्वाह पूरी निष्ठा और ईमानदारी से करेंगे।

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