निबंध: विश्व पटल पर भारत का बढ़ता प्रभाव पर निबंध

यशपाल प्रेमचंद

भारत, जो कभी एक उपनिवेश था, आज विश्व पटल पर तेजी से उभरता हुआ राष्ट्र है। स्वतंत्रता के बाद से, भारत ने कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति की है और अब यह दुनिया की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक और तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। भारत का बढ़ता प्रभाव केवल आर्थिक क्षेत्र तक सीमित नहीं है, बल्कि यह राजनीतिक, सांस्कृतिक और तकनीकी क्षेत्रों में भी स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। इस निबंध में हम उन विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे जिनसे भारत का विश्व पटल पर प्रभाव बढ़ा है।

सबसे पहले, आर्थिक क्षेत्र में भारत की प्रगति उल्लेखनीय है। भारत आज दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। सूचना प्रौद्योगिकी, सेवा क्षेत्र, और विनिर्माण उद्योग ने भारत की आर्थिक स्थिति को मजबूत किया है। भारतीय कंपनियाँ और स्टार्टअप्स वैश्विक बाजार में अपनी पहचान बना रहे हैं। टाटा, रिलायंस, इंफोसिस, और विप्रो जैसी कंपनियाँ अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर रही हैं। इसके अलावा, भारतीय बाजार की विशालता और उपभोक्ताओं की बढ़ती क्रय शक्ति ने भी विदेशी निवेशकों को आकर्षित किया है। मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसी योजनाएँ भारत को एक वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।

राजनीतिक दृष्टिकोण से भी भारत का विश्व पटल पर प्रभाव बढ़ा है। भारतीय लोकतंत्र दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और यह अपनी स्थिरता और विविधता के लिए प्रसिद्ध है। भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपने दृष्टिकोण को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया है। संयुक्त राष्ट्र, विश्व व्यापार संगठन, और जी-20 जैसे प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संगठनों में भारत की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। भारत ने अपनी विदेश नीति में संतुलन बनाए रखते हुए विभिन्न देशों के साथ मजबूत संबंध स्थापित किए हैं। इसके अलावा, भारत-अमेरिका, भारत-रूस, और भारत-चीन जैसे द्विपक्षीय संबंध भी भारत की विदेश नीति की प्रमुख धुरी हैं।

संस्कृतिक दृष्टिकोण से भी भारत का प्रभाव वैश्विक स्तर पर बढ़ा है। भारतीय संस्कृति, योग, आयुर्वेद, और भारतीय व्यंजन दुनिया भर में लोकप्रिय हो रहे हैं। बॉलीवुड फिल्में और भारतीय संगीत भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना रहे हैं। भारत का साहित्य, कला, और परंपराएँ भी वैश्विक मंचों पर अपनी जगह बना रही हैं। भारत की सांस्कृतिक धरोहर और उसकी विविधता ने उसे विश्व स्तर पर एक विशेष स्थान दिलाया है। इसके अलावा, भारतीय प्रवासी समुदाय ने भी विभिन्न देशों में अपनी सांस्कृतिक पहचान बनाए रखी है और अपने नए देशों में भारतीय संस्कृति का प्रसार किया है।

तकनीकी क्षेत्र में भी भारत ने उल्लेखनीय प्रगति की है। भारतीय आईटी उद्योग ने वैश्विक स्तर पर अपनी मजबूत पहचान बनाई है। बेंगलुरु, जिसे भारत का सिलिकॉन वैली कहा जाता है, अब एक प्रमुख तकनीकी हब के रूप में जाना जाता है। भारतीय वैज्ञानिकों और तकनीकी विशेषज्ञों ने भी विश्व स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। इसरो द्वारा किए गए सफल अंतरिक्ष मिशनों ने भारत को अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में अग्रणी बनाया है। मंगलयान और चंद्रयान जैसे मिशन न केवल तकनीकी उत्कृष्टता का प्रमाण हैं, बल्कि उन्होंने वैश्विक वैज्ञानिक समुदाय में भारत की स्थिति को मजबूत किया है।

शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में भी भारत का प्रभाव बढ़ा है। भारतीय उच्च शिक्षा संस्थान, जैसे आईआईटी और आईआईएम, अब विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त हैं। भारतीय छात्रों की संख्या विदेशों में बढ़ रही है और वे विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त कर रहे हैं। स्वास्थ्य क्षेत्र में भी भारतीय डॉक्टर और विशेषज्ञ अपनी सेवाएँ प्रदान कर रहे हैं। भारतीय फार्मास्युटिकल उद्योग ने वैश्विक बाजार में अपनी मजबूत स्थिति बनाई है और भारतीय कंपनियाँ अब दुनिया भर में दवाइयाँ और वैक्सीन सप्लाई कर रही हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान भारतीय वैक्सीन, जैसे कोविशील्ड और कोवैक्सिन, ने वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

भारत की बढ़ती जनसंख्या भी एक महत्वपूर्ण पहलू है। भारत की युवा आबादी उसकी सबसे बड़ी ताकत है। युवा शक्ति न केवल भारत की आंतरिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर भी भारत की स्थिति को मजबूत कर रही है। भारतीय युवा विभिन्न क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं और वैश्विक चुनौतियों का समाधान प्रस्तुत कर रहे हैं। इसके अलावा, भारतीय प्रवासी समुदाय ने भी विभिन्न देशों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है और वे उन देशों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

भारत का वैश्विक पटल पर बढ़ता प्रभाव उसके नेतृत्व क्षमता का भी परिणाम है। भारतीय नेताओं ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपने दृष्टिकोण और विचारों को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने वैश्विक मंचों पर अपनी स्थिति को और भी मजबूत किया है। विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भारत की स्पष्ट और संतुलित दृष्टिकोण ने उसे एक जिम्मेदार वैश्विक खिलाड़ी के रूप में स्थापित किया है। इसके अलावा, भारत की विदेश नीति में संतुलन और उसकी रणनीतिक सोच ने भी उसे वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है।

भारत का विश्व पटल पर बढ़ता प्रभाव कई क्षेत्रों में उसकी प्रगति और उत्कृष्टता का परिणाम है। आर्थिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक, तकनीकी, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में भारत ने उल्लेखनीय प्रगति की है। भारतीय समाज की विविधता, युवा शक्ति, और नेतृत्व क्षमता ने भी भारत की स्थिति को वैश्विक स्तर पर मजबूत किया है। हमें गर्व है कि हमारा देश विश्व पटल पर एक महत्वपूर्ण और प्रभावशाली भूमिका निभा रहा है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम इस प्रगति को बनाए रखें और अपने देश को और भी ऊँचाइयों पर ले जाएं।

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