निबंध: भारत की विविधता में एकता पर निबंध

यशपाल प्रेमचंद

भारत, विविधता में एकता का अद्वितीय उदाहरण है। यहाँ की विविधता न केवल सांस्कृतिक और धार्मिक स्तर पर बल्कि भाषाई, सामाजिक, और भौगोलिक दृष्टि से भी अत्यधिक विस्तृत है। यह विविधता भारत की समृद्ध और प्राचीन संस्कृति का प्रतीक है, जो सदियों से एकता के सूत्र में बंधी हुई है। “विविधता में एकता” का अर्थ है कि विभिन्न प्रकार के लोगों, संस्कृतियों, भाषाओं और धर्मों के बावजूद, भारत एक एकीकृत राष्ट्र बना हुआ है।

भारत की सांस्कृतिक विविधता को देखने के लिए विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों का दौरा करना पर्याप्त है। हर राज्य की अपनी अनूठी परंपराएँ, रीति-रिवाज, नृत्य, संगीत, और कला होती हैं। उत्तर में कश्मीर से लेकर दक्षिण में केरल तक, पूर्व में असम से लेकर पश्चिम में गुजरात तक, हर राज्य की अपनी अलग पहचान है। इसके बावजूद, भारतीयों में एक गहरा संबंध और अपनापन देखने को मिलता है। यह सांस्कृतिक विविधता हमारी राष्ट्रीय धरोहर को और भी समृद्ध बनाती है और हमें गर्व से भर देती है।

धार्मिक दृष्टि से भी भारत एक अद्वितीय देश है। यहाँ हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन, और पारसी सहित विभिन्न धर्मों के लोग मिल-जुलकर रहते हैं। विभिन्न धर्मों के त्योहार, जैसे दिवाली, ईद, गुरुपर्व, क्रिसमस, बुद्ध पूर्णिमा, और महावीर जयंती, पूरे देश में धूमधाम से मनाए जाते हैं। इन त्योहारों के माध्यम से लोग एक-दूसरे की संस्कृति और धर्म के प्रति सम्मान और समझदारी विकसित करते हैं। यह धार्मिक सहिष्णुता और सह-अस्तित्व का एक जीता-जागता उदाहरण है।

भारत की भाषाई विविधता भी अद्वितीय है। यहाँ 22 आधिकारिक भाषाएँ और 1,600 से अधिक बोलियाँ बोली जाती हैं। हिंदी, अंग्रेजी, बंगाली, तमिल, तेलुगु, मराठी, उर्दू, और गुजराती जैसी प्रमुख भाषाएँ राष्ट्रीय एकता को मजबूत करती हैं। भाषाई भिन्नताओं के बावजूद, भारतीय लोग एक-दूसरे के साथ संवाद करने और समझने की अद्वितीय क्षमता रखते हैं। यह भाषाई विविधता हमारी सांस्कृतिक धरोहर को और भी समृद्ध बनाती है।

सामाजिक दृष्टि से भी भारत में विविधता की झलक मिलती है। विभिन्न जाति, वर्ग, और समुदायों के लोग अपने-अपने रीति-रिवाजों और परंपराओं को मानते हुए एक साथ रहते हैं। सामाजिक भिन्नताओं के बावजूद, भारतीय समाज में सहिष्णुता और सौहार्द का भाव देखा जा सकता है। विवाह, जन्म, और मृत्यु जैसी महत्वपूर्ण घटनाओं में भी विभिन्न समुदायों के लोग एक-दूसरे का सहयोग और समर्थन करते हैं।

भौगोलिक दृष्टि से भारत में विविधता की अपार संभावनाएँ हैं। यहाँ हिमालय की ऊँची पर्वत चोटियाँ, राजस्थान के रेगिस्तान, केरल के सुंदर समुद्र तट, और असम के घने जंगल सभी एक साथ मिलते हैं। यह भौगोलिक विविधता भारत के प्राकृतिक सौंदर्य को और भी अद्वितीय बनाती है। इस विविधता का प्रभाव यहाँ के लोगों के जीवन पर भी पड़ता है, और वे इसे अपनी जीवनशैली में अपनाते हैं।

भारत की विविधता में एकता को बनाए रखने में हमारे संविधान का भी महत्वपूर्ण योगदान है। भारतीय संविधान सभी नागरिकों को समान अधिकार और अवसर प्रदान करता है, चाहे वे किसी भी धर्म, जाति, भाषा, या क्षेत्र से संबंधित हों। संविधान में वर्णित मौलिक अधिकार और कर्तव्य हमें एक सशक्त और एकीकृत राष्ट्र के रूप में बने रहने में मदद करते हैं।

भारत की विविधता में एकता का एक और महत्वपूर्ण पहलू इसका इतिहास है। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान विभिन्न धर्म, भाषा, और क्षेत्र के लोगों ने एक साथ मिलकर देश को स्वतंत्रता दिलाने के लिए संघर्ष किया। महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल, सुभाष चंद्र बोस जैसे महान नेताओं ने सभी भारतीयों को एकजुट करने और देश को स्वतंत्रता दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह एकता आज भी हमारे देश को सशक्त और सुदृढ़ बनाती है।

भारत की विविधता में एकता का महत्व केवल राष्ट्रीय स्तर पर ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी है। यह दुनिया को यह संदेश देता है कि विविधता और भिन्नताओं के बावजूद, एकजुटता और सामंजस्य बनाए रखना संभव है। यह सिद्धांत हमारे समाज को और भी सुदृढ़ बनाता है और हमें एक बेहतर और सहिष्णु विश्व की ओर अग्रसर करता है।

अंत में, यह कहना उचित होगा कि भारत की विविधता में एकता ही इसकी सबसे बड़ी ताकत है। यह हमें सिखाती है कि भिन्नताओं के बावजूद, हम सभी एक हैं और हमें एकजुट होकर अपने देश को आगे बढ़ाना है। हमें गर्व है कि हम एक ऐसे देश के नागरिक हैं, जो विविधता में एकता का अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत करता है।

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